Saturday, September 5, 2009
प्रात: कालीन कॉलेजों के छात्रसंघ चुनाव में विद्यार्थी परिषद् ने 13 अध्यक्ष पद सहित 65 पदों पर विजय हासिल की
प्रेस विज्ञप्ति
दिनांक : 4 सितम्बर, 2009
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव का मतदान आज शाम 7 बजे सफलतापूर्वक सम्पन्न हो गया। दोपहर बाद डूसू से सम्बध्द सभी 51 कॉलेज स्तर के चुनाव परिणाम सामने आने शुरू हो गए, जिनमें अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् की ओर से चुनाव लड़ रहे दर्ज़नों प्रत्याशियों ने बहुमत से विजयश्री हासिल की।
नॉर्थ कैम्पस के रामजस कॉलेज से अध्यक्ष पद पर मनु पाण्डे, सचिव पद पर शैफाली और कोषाध्यक्ष पद पर अनीस, हिन्दू कॉलेज से अध्यक्ष पद पर नीरज, खालसा कॉलेज से अध्यक्ष पद पर केशव, उपाध्यक्ष पद पर परोपकार सिंह, किरोड़ीमल कॉलेज से अध्यक्ष पद पर मुकेश विश्नोई, केन्द्रीय पार्षद अतुल पाण्डे, एसआरसीसी कॉलेज में अध्यक्ष पद पर दीपक शर्मा, उपाध्यक्ष पद पर नाहर सिंह, सचिव पद पर विवेक सिंह और केन्द्रीय पार्षद पद पर सुनील प्रधान, बिरेन्द्र प्रसाद ने जीत का परचम लहराया।
पूर्वी दिल्ली के विवेकानन्द कॉलेज में अध्यक्ष पद पर लक्ष्मी रानी, उपाध्यक्ष पद पर खुशबू, सचिव पद पर पूजा दूबे, सह-सचिव पद पर पूजा सोनी और केन्द्रीय पार्षद पद पर जयश्री व पल्लवी राय तथा कोषाध्यक्ष पद पर रचना रानी ने अभाविप का झण्डा बुलन्द किया।
मध्य दिल्ली के जाकिर हुसैन कॉलेज में अध्यक्ष पद पर राकेश कुमार, उपाध्यक्ष पद के लिए निशान्त चौधरी, केन्द्रीय पार्षद नेहा गुप्ता ने एक बार फिर से अभाविप की शानदार जीत को कायम रखा। देव नगर खालसा कॉलेज में अध्यक्ष पद पर आशीष कुमार व सचिव पद पर ईशान्त सिंह ने बाजी मारी।
दिल्ली देहात के कॉलेजों में अभाविप का जलवा एक बार फिर देखने को मिला। भगिनी निवेदिता कॉलेज से अध्यक्ष पद पर पूजा यादव, उपाध्यक्ष पद पर पूजा, सचिव पद पर निशा, सहसचिव पद पर पूनम यादव और केन्द्रीय पार्षद पारूल व संगीता ने अपने प्रतिद्वदियों को भारी मत से हार का स्वाद चखाया। श्रध्दानन्द कॉलेज में उपाध्यक्ष पद पर रविन्द्र राणा सचिव पद पर अमित राणा, सह-सचिव पद पर दीपक खत्री और केन्द्रीय पार्षद के लिए सत्यम और कृष्णा ने जीत हासिल की।
दक्षिणी दिल्ली के मोती लाल, वेंकटेश्वर और एआरएसडी कॉलेज में अध्यक्ष पद के लिए क्रमश: अजय दूबे, सुरभि मलिक और अभिषेक ने विजय प्राप्त कर अभाविप का दबदबा बनाए रखा। वेंकटेश्वर कॉलेज से उपाध्यक्ष पद के लिए भावना, सचिव पद के लिए हितेश माथुर और केन्द्रीय पार्षद पद के लिए मनोज यादव जीत कर आए हैं। वहीं मोती लाल कॉलेज से उपाध्यक्ष पद पर समीक्षा जीत कर आई हैं।
कालकाजी के पी.जी.डीएवी कॉलेज में सचिव पद पर गरिमा, केन्द्रीय पार्षद ए. हुसैन, भगत सिंह कॉलेज में सचिव पद पर अभिनव मिश्रा, सह-सचिव पद पर बलजीत सिंह और केन्द्रीय पार्षद अनुज विधूड़ी, देशबन्धु कॉलेज में सचिव पद पर ईश्वर चन्द, केन्द्रीय पार्षद पद पर मनोज कुमार और दयाल सिंह कॉलेज में सचिव पद पर अभाविप के प्रत्याशी विजय ने जीत हासिल की।
कॉलेज छात्रसंघ ईकाईयों में अभाविप के प्रत्याशियों की अपार बहुमत से हुई जीत के लिए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के सभी कार्र्यकत्ताओं व मतदाताओं को धन्यवाद देते हुए प्रान्त मंत्री श्री आशुतोष श्रीवास्तव ने कल आने वाले डूसू चुनावों परिणामों में भी बड़ी जीत का दावा करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन के द्वारा छात्रसंघ को खत्म करने की साजिश को विद्यार्थी परिषद् ने नाकाम कर दिया है। बहरहाल विद्यार्थी परिषद् के कार्र्यकत्ता और नेता उपाध्यक्ष पद की प्रत्याशी कृति वडेरा की शानदार जीत के प्रति आश्वस्त हैं और बाकि तीन पदों पर भी समान विचार वाले प्रत्याशियों के जीतकर आने की उम्मीद कर रहे हैं।
Wednesday, September 2, 2009
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् का डूसू चुनाव घोषणा-पत्र (2009-10)
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् अपनी 60वीं वर्षगांठ मना रहा है। स्वतंत्रता के तुरत बाद जब राष्ट्र के पुनर्निर्माण की आवश्यकता थी, ऊर्जा सम्पन्न युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए 1948 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् की शुरूआत हुई। इसकी विधिवत स्थापना 9 जुलाई 1949 को हुई। तब से अब तक निरन्तर राष्ट्रीय पुनर्निर्माण के कार्यों में इसकी सक्रिय भूमिका रही है। आज यह न केवल भारत का वरन् विश्व का सबसे बड़ा छात्र-संगठन है।
अभाविप देश के बहुत सारे शैक्षणिक परिसरों में कार्य करती रही है और छात्र-समुदाय को राष्ट्रीय एकता और राष्ट्रहित के लिए विभिन्न मुद्दों पर झकझोरती रही है। कांग्रेस के वैचारिक दिवालियेपन और सत्ता-प्रेम ने उसे कम्युनिष्ट देशद्रोहियों से हाथ मिलाने पर विवश कर दिया है। मातृसंस्था से प्रेरणा लेते हुए NSUI आज उसी दिवालियेपन और मानसिक गुलामी से त्रस्त है। ऐसे में राष्ट्र और राष्ट्रीय हित ही हाशिये पर चले गये हैं, फिर छात्र हितों की बात करना ही बेमानी है। दिल्ली विश्वविद्यालय देश के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों में से है। यह वह संस्थान है जिसकी ओर सम्पूर्ण भारत देखता है। अत: इसके उत्थान और पतन के साथ भारत का भविष्य अनिवार्य रूप से जुड़ा है। आज अवसरवादी और सर्वसत्तावादी ताकतों ने जब राष्ट्रीय अस्मिता और अखण्डता पर सवाल खड़े कर दिये हैं, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् की भूमिका महत्तवपूर्ण हो गयी है। दिल्ली विश्वविद्यालय से अभाविप सारे भारत में यह संदेश प्रेषित करेगी कि राष्ट्र-विरोधी गतिविधि वाले किसी संगठन या विचारधारा को भारत का छात्र-समुदाय उखाड़ फेंकेगा।
विश्वविद्यालय से सम्बध्द समस्याएँ :
दिल्ली विश्वविद्यालय देश के सर्वोत्तम विश्वविद्यालयों में से है और इसने कई क्षेत्रों में कीर्तिमान स्थापित किया है। ऐसे में यहां के छात्रों और छात्र-संगठनों की जिम्मेदारी बढ़ जाती है। लेकिन इधर कई वर्षों से दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ पर उस NSUI का दबदबा रहा है, जिसने अपनी गैरज़िम्मेदाराना हरकतों से विश्वविद्यालय की छवि को धूमिल कर दिया है। यह छात्र-संगठन विश्वविद्यालय के प्रबुध्द छात्रों से वादाखिलाफी कर इस महान् विश्वविद्यालय की कैसी छवि निर्मित कर रहा है, यह किसी से छिपी नहीं है। देश के अन्य विश्वविद्यालयों के समक्ष ये कैसा आदर्श प्रस्तुत कर रहे हैं।
वादाखिलाफी के कुछ नमूने इस प्रकार हैं :
• होस्टलों की संख्या में कोई इजाफा नहीं। दिल्ली के बाहर के छात्रों की दिक्कत से कोई सरोकार नहीं। वायदा किया था होस्टल बनवाने का, पर भूल गये शायद?
• आन्तरिक परीक्षा प्रणाली की खामियों को दूर कर पारदर्शी बनाया जाएगा - खैर, जब लाभ अपना ही हो तो किया क्या जाए?
• छात्राओं से संबंधित अपराध में वृध्दि - कोई कार्य इससे संबंधित नहीं किये।
• छात्रों को मेट्रो रेल में कोई रियायत नहीं।
मित्रों, 'मुद्दे बरकार रखना और बार-बार उन्हीं मुद्दों पर चुनाव लड़ना' NSUI और इसकी मातृ-संस्था कांग्रेस की पुरानी आदत है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् कांग्रेस और NSUI की इस नीति पर सवाल खड़े करती है। मुद्दों का बरकरार रह जाना एक शर्मनाक स्थिति है - अकर्मण्यता है, चाहे वह कोई छात्र-संगठन हो या राजनीतिक दल। पिछले तीस वर्षों का हमारा इतिहास इस बात का गवाह है कि हमने जो भी वादे किये, पूरे किये। हम छात्र समुदाय से अपील करते हैं कि वे हमारा साथ दें। हम अगर चुनाव जीत कर आये तो हम उनकी आकांक्षाओं पर खरे उतरेंगे और निम्नलिखित विषयों पर काम कर उन्हें तार्किक परिणाम तक पहुँचाने की कोशिश करेंगे।
पिछली DUSU अध्यक्षा नूपुर शर्मा (ABVP) के नेतृत्व में दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ ने कुछ महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। कुछ कार्य अभी निकट भविष्य में संपन्न होने वाले भी हैं। हालांकि NSUI के बैनर तले आये बाकी DUSU पदाधिकारियों ने लगातार अवरोध पैदा करने की कोषिष की और असहयोग की मुद्रा बनाए रखी। बावजूद इसके नूपुर शर्मा ने छात्रों से किये अपने वादों को न केवल निभाया वरन् प्रषासन के छात्र-विरोधी रवैये के खिलाफ लगातार छात्र-हितों के लिए आवाज बुलंद करती रही।
नूपुर शर्मा की उपलब्धियां :
1. प्रिंटेड मार्कशीट की मांग स्वीकार कर ली गईं।
2. दिल्ली विश्वविद्यालय के ग्यारह कॉलेजों में DUSU कोष से साफ पानी के लिए एक्वागार्ड की व्यवस्था की गई।
3. दिल्ली विश्वविद्यालय के सभी कॉलेजों को WI-FI से जोड़ने की मांग की गई जो कि अक्टूबर 2009 से प्रारंभ होने वाली है।
4. विश्वविद्यालय को इको-फ्रेंडली बनाये रखने के लिए सौर ऊर्जा-चालित प्रोजेक्ट का प्रस्ताव किया गया। इस पर शीघ्र ही कार्य आरंभ होने वाला है।
5. विश्वविद्यालय की सुरक्षा कमेटी में CCTVs लगाने की मांग पुरजोर तरीके से उठाई गई। इस वर्ष के अंत तक इस पर काम पूरा कर लिया जाएगा।
6. सन् 2008 अक्टूबर में उत्तर पुस्तिकाओं के पुनर्मूल्यांकन की अंतिम तिथि 15 दिनों के लिए बढ़ा दी गई।
7. पूर्व राष्ट्रपति श्री ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के निर्देशन में आतंकवाद से मुकाबले के लिए युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने वाली NCCT (National Campaign for Combating Terrorism) की योजना की गई।
8. नव-आगंतुक छात्र-छात्राओं की जिज्ञासाओं और समस्याओं के समाधान के लिए du@doorstep की ऑनलाइन शुरूआत की गई।
9. छात्रा के यौन उत्पीड़न में संलिप्त हिंदी विभाग के शिक्षक के निलंबन के लिए सफल प्रयास।
10. पिछले कई सालों में पहली बार DUSU के कोष का ऑडिट किया गया ताकि पारदर्शिता बनी रहे।
11. नव-आगंतुक छात्रों के मार्गदर्शन और प्रोत्साहन हेतु विविध प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर के छात्र संगठनों की सहभागिता से किया गया।
12. 31 मई से 1 जून, 2009 तक शैक्षिक मेला का आयोजन किया गया, जिसमें कई स्वयंसेवी संगठनों की सहभागिता रही।
13. श्यामा प्रसाद मुखर्जी कॉलेज के खिलाड़ियों पर लगे अवैध फाइन को माफ कराया गया और उन्हें प्रवेश पत्र मुहैया कराया गया।
विद्यार्थी परिषद् निम्नलिखित कार्यों के लिए कटिबध्द है :
1. शुल्क संरचना
• शुल्क संरचना के विभिन्न पहलुओं पर अध्ययन, निरीक्षण एवं अनुशंसा कराने का प्रयास ताकि इसे समान तथा तार्किक बनाया जा सके।
2. प्रवेश प्रक्रिया में सुधार
• महाविद्यालयों एवं पाठयक्रमों के संदर्भ में विद्यार्थियों की प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए केद्रीय प्रवेश प्रक्रिया के लिए अभाविप के नेतृत्व वाला छात्रसंघ हर प्रकार के कदम उठाएगा।
• हम खेल कूद, संस्कृति तथा अन्य कोटे से होने वाले प्रवेश प्रक्रिया में पारदर्शिता की मांग करेंगे।
• ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले विद्यार्थियों को प्रवेश में उचित रियायत देने की माँग।
• विभिन्न महाविद्यालयों के सभी पाठयक्रमों में अनुसूचित जाति-जनजाति तथा विकलांग कोटे को पूरा करने के लिए प्रयास करेंगे।
3. परीक्षा सुधार
• प्रवेश के समय ही, प्रवेश से परिणाम तक की तयबध्द समय सारिणी जारी करने की माँग।
• पारदर्शिता एवं जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए हम उत्तर-पुस्तिका की प्रति छात्रों की मांग पर उपलब्ध करने की व्यवस्था का प्रयास करेंगे।
• सर्वश्रेष्ठ उत्तर-पुस्तिका को पुस्तकालय में उपलब्ध कराने का प्रयास किया जायेगा।
4. आंतरिक मूल्यांकन
• आंतरिक मूल्यांकन की व्यवस्था की खामियों को दूर करने का प्रयास करेंगे। (Internal assessment में moderation की आड़ में भेदभावपूर्ण रवैया निंदनीय है। महाविद्यालय की तथाकथित 'प्रतिष्ठा' के नाम पर महाविद्यालयों द्वारा भेजे गए अंकों को बदलना कहां तक उचित है?)
5. परिवहन
• Delhi Metro में रियायती स्टूडेंट पास के लिए
संघर्ष करेंगे।
• हम अधिक से अधिक यू स्पेशल बसों की मांग सभी
स्तरों पर जारी रखेंगे।
• एस.टी.ए. अनुमोदित ब्लू लाइन बसों में स्टूडेंट पास लागू कराने के लिए संघर्ष करेंगे।
• हम उत्तरी एवं दक्षिणी परिसर में शटल बस सुविधा
के लिए प्रयास करेंगे।
• विद्यार्थी पास NCR region से चालित वाहनों में
लागू करने की मांग करेंगे। NCR से आने वाले छात्रों
के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय के विविध कॉलेजों तक
की परिवहन व्यवस्था में सुधार की मांग की जाएगी।
6. शैक्षिक मुद्दे
• B.Sc. restructured course के पाठयक्रम में व्यापक खामियों को दूर करने का प्रयास करेंगे। जिस छात्र ने 11 कक्षा में अपनी पसन्द से विषयों का चयन किया हो, उसी छात्र को Graduation में गैर पसन्दीदा विषयों को पढ़ने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता। कॉलेजों में बिना infrastructure के इन पाठयक्रमों को शुरू करने में प्रशासन की जल्दबाजी समझ के परे है। इसी के चलते कई महाविद्यालयों में 0% परीक्षा परिणाम रहा है। जिसे ढ़कने के लिए प्रशासन परिणाम घोषित करने के बाद इसका moderation करने की योजना बना रहा है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् इस समस्या की जड़ को सुलझाने की मांग करता है। हम इन पाठयक्रमों को अच्छे ढंग से चलाने हेतु व्यापक infrastructure की भी मांग करेंगे।
• हर विद्यार्थी को उसके महाविद्यालय में मुफ्त internet की सुविधा उपलब्ध कराने का प्रयास करेंगे।
• सकल घरेलू उत्पाद का 6 प्रतिशत शिक्षा के लिए आबंटित करने की मांग को हम जारी रखेंगे।
• विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा विश्वविद्यालयों को दिये जा रहे अनुदान में किसी भी प्रकार की कटौती का हम विरोध करेंगे।
• बढ़ रही छात्रों की संख्या को देखते हुए ग्रामीण इलाकों सहित और अधिक कॉलेज खुलवाने का प्रयास करेंगे। जिसमें कम से कम 50 प्रतिशत कॉलेज छात्राओं के लिए बनवाने का संघर्ष करेंगे।
• सभी कॉलेजों में सांध्यकालीन कक्षाएं शुरु करने का प्रयास करेंगे।
• सांध्य महाविद्यालयों के लिए यू-स्पेशल बस, जेनरेटर एवं एक परिवर्तित समय सारिणी के प्रावधान करवाने का प्रयास करेंगे।
• एक केन्द्रीयकृत सूचना-केन्द्र विश्वविद्यालय स्तर पर शुरू करने के लिए प्रयास करेंगे।
• पूर्व एवं पश्चिमी परिसरों की स्थापना के लिए भी प्रयास करेंगे।
• विश्वविद्यालय स्वास्थ्य केन्द्र में शय्याओं की व्यवस्था का प्रयास करेंगे।
• पूर्वी कैम्पस में लॉ-फैक्लटी खुलवाने के लिए प्रयास करेंगे।
• केन्द्रीय और कला पुस्तकालयों को कम्प्यूटरीकृत करवाने का प्रयास करेंगे।
• विश्वविद्यालय के सभी कॉलेजों में स्थायी कम्प्यूटर साक्षरता पाठयक्रम शुरू करवाने का प्रयास करेंगे।
• केन्द्रीय संदर्भ पुस्तकालय 24 घंटे अधययन के लिए खुले, इसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन पर दबाव बनायेंगे।
• छात्र-छात्राओं के साथ हो रहे शोषण को रोकने एवं सही किराये के लिये प्राइवेट हॉस्टलों, मकान मालिकों एवं छात्रों की एक समिति बनाने की मांग की जायेगी।
• ABVP मांग करती है कि कुल बजट का दसवां हिस्सा उच्च शिक्षा पर खर्च किया जाए।
• शैक्षणिक योग्यता के अतिरिक्त अन्य कोटे
(क्रीड़ा आदि) में होने वाली प्रवेश प्रक्रिया को
पारदर्शी बनाया जाए।
7. व्यवसायिक शिक्षा
• हम सूचना प्रोद्यौगिकी, जैव प्रोद्यौगिकी, बिजनेस इकोनोमिक्स इत्यादि व्यावसायिक शिक्षा की बढ़ोत्तरी के लिए प्रयास करेंगे।
• हम उभरते हुए व्यावसायिक एवं रोजगारपूरक पाठयक्रमों को शुरू करने हेतु एक विश्वविद्यालय स्तरीय स्थायी समिति की मांग करेंगे।
8. नियुक्ति संस्थान (Placement Cell)
• वर्तमान Placement Cell को और अधिक प्रभावी बनाने का प्रयास किया जाएगा।
9. छात्रावास सुविधाएं
• हम उत्तरी एवं दक्षिणी क्षेत्र में पर्याप्त सुविधायुक्त नये छात्रावास खोलने के लिए प्रयास करेंगे।
• हम अनुसूचित जाति, जनजाति, विकलांग एवं छात्राओं के लिए अधिक से अधिक छात्रावासों के लिए प्रयास जारी रखेंगे। पूर्वोत्तर से आने वाली अधिकाधिक छात्राओं को छात्रावास की सुविधा मुहैया कराई जाए, इसके लिए हम कटिबध्द हैं।
10. लैंगिक संवेदनशीलता
• हम यौन उत्पीड़न विरोधी समिति को और अधिक प्रभावी बनवाने की मांग करेंगे।
• हम रचनात्मक कार्यक्रमों के माध्यम से समिति के कार्यों का विस्तार करेंगे।
• हम इस समिति में छात्र प्रतिनिधित्व के लिए भी प्रयास करेंगे।
11. छात्रवृत्ति
• हम महंगाई को देखते हुए छात्रवृत्ति में बढ़ोत्तरी के लिए कार्य करेंगे एवं छात्रवृत्ति का मूल्य सूचकांक के साथ जोड़ने के लिए मांग करेंगे।
• हम सभी अनुसूचित जाति, जनजाति एवं विकलांग छात्रों के लिए छात्रवृत्ति के प्रावधान हेतु कार्य करेंगे।
• हम सामाजिक तथा आर्थिक रूप से दुर्बल छात्रों के लिए आर्थिक सहायता हेतु उद्योग-छात्र-स्वयंसेवी संस्थाओं के बीच संवाद कायम करेंगे। इस प्रकार की समस्त आर्थिक सहायता को एक आर्थिक सहायता समिति के माध्यम से आबंटित करवाने का प्रयास करेंगे।
12. सुरक्षित एवं भयमुक्त परिसर
• हम उत्तरी परिसर को कॉम्पैक्ट बनाने की अपनी मांग को आये बढ़ायेंगे।
• छात्राओं की आत्मरक्षा हेतु हम नियमित रूप से विश्वविद्यालय परिसर एवं अन्य महाविद्यालयों में आत्मरक्षा प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने की मांग करेंगे।
• परिसरों के सभी छात्रावासों एवं अन्य संवेदनशील स्थानों पर पुलिस बूथ लगाने की मांग को उठाया जायेगा तथा इन बूथों पर महिला पुलिसकर्मियों की उपस्थिति को भी सुनिश्चित करने का प्रयास किया जायेगा।
13. एक सम्पूर्ण परिसर (Infrastructure Improvement)
• हम दक्षिणी परिसर में स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स निर्माण
के प्रयास हेतु वचनबध्द है एवं छात्रावास सुविधाओं
के विकास एवं विस्तार के लिए भी प्रतिबध्द हैं।
• दिल्ली विश्वविद्यालय की संपूर्ण आधारभूत संरचना को
जल्द से जल्द सुधारने का प्रयास किया जाएगा।
मित्रों,
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के नेतृत्व में दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ उपयुक्त शैक्षणिक माहौल और सुरक्षित परिसर बनाने के लिए प्रतिबध्द है। हमने जो भी वादे किये हैं, उन्हें पूरा करेंगे। हम छात्र समुदाय से वोट की भीख नहीं माँगते वरन् कर्ज माँगते हैं, जिसे हम सूद समेत वापस करेंगे - आपकी आकांक्षाओं का विश्वविद्यालय बना कर।
वन्दे मातरम्! भारत माता की जय!!
For A Nationalist & Effective DUSU!
डूसू पैनल
बेलेट नं0 5
उपाध्यक्ष : कृति वढ़ेरा
GIVE US A DECISIVE MANDATE!!
ELECTION MANIFESTO 2009-2010
ABVP is celebrating its 60th Anniversary this year, working in the field of education with a wider perspective of National Reconstruction with a Nationalist approach (ABVP’s Foundation Day, 9th July 1949). ABVP started soon after independence in 1948 with the objective of channelizing students' energies in the task of National Reconstruction by a group of students and teachers.
The ABVP has been active on various campuses, sensitizing the student community on the various threats posed to our national unity and also by organizing them towards the goals of National Reconstruction through agitation, constructive and representative modes. The ABVP considers DU to be one of the most important centers of Students’ activities. The ABVP reiterates its position of not compromising with the national, international and student’s interest at any cost and to serve the aspirations of the student community. At a time when opportunistic and totalitarian forces at the centre are conspiring to destabilize and jeopardize the national integrity and democratic ethos of India, the role of ABVP becomes extremely crucial to thwart their ulterior designs.
DU elections 2008-09 is taking place amidst acute national crisis, which is ideological as well as systemic. In such a critical situation when various groups are hankering for their share in the pie and are ready to sacrifice the national interests, the student community of DU would strengthen the nationalist spirit by voting for the ABVP that represents selfless dedication to nationalism and unity and integrity of India.
Delhi University is one of the premier educational hubs of this country. Therefore students union election is considered very important. For the past few years DUSU is dominated by the NSUI and it has not fulfilled the promises it has made during the past few years. Not to think of fulfilling them, they did not even try to think over it. Because of incapability and non-cooperation of NSUI’s leaderships, there are various student related issues and problems that remain and the solution of which has become necessary such as:
• Lack of hostel facilities on the campus, students who belong to outside Delhi have been facing lots of problems.
• Students are also facing problems due to anomalies in University’s Internal Assessment Scheme.
• The cases of sexual harassment have also increased in the campus.
• Students of Delhi University are yet to get Metro Rail Concession.
Friends, when NSUI’s masters (Congress) at the centre and state themselves are corrupt, how can we expect from NSUI leaderships of DUSU to work properly and uncorrupted. ABVP takes this as a challenge and vows to destroy the Congress’ attempt to corrupt the country’s one of the best institution’s student union. In this context, DUSU election becomes very significant for us. ABVP has over thirty years of glorious and successful history of its presence on this campus and so believes that once again students of this campus will give their mandate to the candidates of ABVP so that they can find a good and honest representation of their voices. If elected, we believe that our candidates would live up to the expectations of the student community of this campus and solve their problems.
In 2008-2009, under the dynamic leadership of the DUSU President Nupur Sharma, who hails from ABVP, many vital demands of the student’s community were strongly put before the administration and most of them were achieved while the others are going to be fulfilled in the near future:
1. Successfully demanded for printed mark sheets.
2. Provision of Aqua-guards and ROs in 11 colleges of the university sponsored by DUSU.
3. Demand for Wi-Fi in the colleges of DU…to be operative by Oct 2009.
4. Installation of free solar lamps and proposal to make DU eco-friendly-the project currently under process.
5. Installation of CCTVs in 2009 after persistent demand by DUSU in 2008-09 during the security committee meetings at KMC.
6. Extension of last date for re-evaluation for every course by 15 days in Oct 2008.
7. Formed a Youth initiative…”NCCT”- National Campaign for Combating Terrorism under the humble guidance of former President of India Dr. A P J Abdul Kalam ji.
8. DU @ doorstep-an online initiative managing queries of fresh admission seekers from the comforts of one’s home.
9. Successfully protested and demanded the suspension of the teachers involved in the harassment of the girl student of Hindi Dept.
10. First time audit of DUSU inventory in 2009.
11. Collaborated in organizing Freshers Orientation programmes of various student communities like the Manipur Students’ Organization, Arunachal Students‘Union, Delhi, etc.
12. Education Fair in association with the NGO Two step Foundation on May 31st- June 1st 2009.
13. Successfully demanded waivers of illegal fine on sports students of SPM College in exchange of their examination admit cards.
Following are the areas on which we would like to work upon:-
1) Fee Structure
• Various aspects of the fee structure of the university will be analyzed so that we can take an effort to make it more equitable and logical.
2) Reforms in Admission Process
ABVP led student union would do its best to make the admission process centralized and make sure that in this process priority of students be taken care of in matters of colleges and syllabus.
• We would also demand from the authorities to make sports, cultural and other quota admissions more transparent.
• We would also demand to give concessions in admission to the students who belong to rural background.
• We would also try to get the vacant OBC/SC/ST/PH seats in various colleges filled.
3) Teaching and Examination Reforms
• A demand will be placed to make an academic calendar of the whole year.
• In order to make sure the transparency, we would try to come up with the arrangement of making the answer sheets available to the students on their request.
• It would be tried to make the best answer sheet available in the library.
4) Internal Assessment
• We would try to do away with the anomalies in the University’s Internal Assessment Scheme.
5) Transportation
• We would fight for getting concessions and student’s pass in Delhi Metro with Metro feeder buses across the campuses.
• We would continue our struggle to increase the services of DTC’s U-Special buses.
• We would also struggle to provide student’s pass in STA sponsored Blue Line buses and acknowledge student’s pass in all the public transportations in the NCR as well as better connectivity of NCR with the different colleges of Delhi University.
• We would try to provide the shuttle buses between North and South Campuses.
6) Educational Issues
• We would try to remove the anomalies in the syllabus of B.Sc. restructured course. The students who have left a particular subject in high school are forced to study them in their college in the name of foundation course.
• We would demand for more and effective student representation in academic council.
• We demands time bound declaration of examination results.
• We demand transparent admission policy especially in ECA, Sports and other special quotas.
• We would also demand to provide free internet facility to the students on the college campus.
• ABVP demands to spend 10% of the total amount of central budget on Higher Education.
• In the event of growing number of students we would try to get more new colleges opened.
• We would demand to introduce evening classes in every colleges of the university so that more students can get the chance of study in this prestigious university.
• For evening colleges we would try to arrange U-Special, Generators, etc.
• We would also struggle for the establishment of East and West Campuses.
• We would demand for beds in the university medical centre.
• Demand for a Law Faculty at the East campus would be placed.
• We would try to get the Central and Arts Library fully computerized and functional 24 hours with all latest/relevant books and study materials.
• To stop the exploitation of students who belong to outside Delhi, Coordination Committee of Private Hostel owners, Land Lords and Students would be made.
7) Vocational Studies
• We would try for the promotion of various vocational courses viz. Information Technology, Bio Technology, Business and Economics etc. We would also demand for a university level coordination committee for the promotion of vocational and job oriented courses.
8) Hostel Facility
• We would continue with our struggle to provide more hotel facilities to the students especially for Girls, students from northeast and the deprived sections of the society. We also demand for well furnished hostels in both North and South campuses with the proper renovation of the exiting hostels.
9) Scholarship
• We would work for the increment in scholarships and demand to link scholarship with price index.
• We would also struggle for scholarships to all SC/ST/PH students.
• We would try to manage a link between industry-student-NGOs so that students from poor section could be helped. And, this kind of economic assistance would be provided through an Economic Assistance Committee.
10) Secure and Fear-Free Campus
• We would continue with our demand to make North Campus a compact campus.
• To make girl students more self confident we would organise Self Defence Training Camps in various colleges and university campus.
11) A complete South Campus
• We are dedicated to one Sports Complex in South Campus.
12) Infrastructure Improvement
• We would demand for Infrastructure Improvement in Each And Every College of Delhi University.
13) Placement Cell
• We would work towards the effective, meaningful and job-oriented placement cell of the Delhi University.
We promise that ABVP led DUSU would pursue the aforementioned agendas and always work for a good academic and secure environment on the campus. We promise that we would struggle till the last to provide better facilities to the student’s community, so that the culture of healthy academic environment could be installed. ABVP is concerned about its responsibilities towards students and youth of this great nation. So it promises that through DUSU it would work for their best and try to live up to their expectations. We call upon the student’s community of Delhi University to take active participation in the forthcoming DUSU elections and wholeheartedly support to elect the ABVP’s candidates.
For A Nationalist & Effective DUSU!
DUSU Panel
Ballot No. 5
Vice-President: KRITI WADHERA
GIVE US A DECISIVE MANDATE!!
BHARAT MATA KI JAI! VANDEMATARAM!!
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् ने अपना चुनावी घोषणा-पत्र जारी किया
दिनांक : 2 सितम्बर, 2009
आज शाम 4 बजे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् की उपाध्यक्ष पद की प्रत्याशीकृति वडेरा ने संगठन का चुनावी घोषणा-पत्र जारी किया। इस मौके पर अभाविप के वरिष्ठ कार्यकर्ता आनन्द भाटी और प्रान्त कार्यकारिणी सदस्य जयराम व दर्ज़नों कार्यकर्ता मौजूद थे।
ज़ारी घोषणा-पत्र में आगामी वर्ष 2009-10 के लिए शुल्क संरचना, प्रवेश प्रक्रिया में सुधार, आन्तरिक मूल्यांकन, व्यवसायिक शिक्षा, लैंगिक संवेदनशीलता, छात्रवृत्ति, सुरक्षित परिसर, आवागमन की सुविधा आदि मुद्दों को शामिल किया गया है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के नेतृत्व में दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ उपर्युक्त शैक्षणिक माहौल और सुरक्षित परिसर बनाने के लिए प्रतिबध्द है। घोषणा-पत्र ज़ारी करते हुए कृति वडेरा ने कहा ''हमने जो भी वायदे किए हैं वे सभी पूरे किए जायेंगे। हम छात्र समुदाय से मत का कर्ज मांगते हैं जिसे हम सूद समेत वापस करेंगे - आपकी आकांक्षाओं का विश्वविद्यालय बनाकर।''
Tuesday, September 1, 2009
उपाध्यक्ष पद की प्रत्याशी कृति वढ़ेरा का प्रचार अभियान ज़ोरों पर
दिनांक 31 अगस्त, 2009
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् की उपाध्यक्ष पद की प्रत्याशी कृति वढ़ेरा के चुनाव प्रचार अभियान में जुटे कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ता जा रहा है। कल शाम नेहरू विहार में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में कार्यकर्ताओं ने एक स्वर में कृति वढेरा को चुनाव जीताने का संकल्प लिया। आज सुबह विश्वविद्यालय मेट्रो स्टेशन पर सैकड़ों कार्र्यकत्ताओं के साथ कृति वढेरा ने छात्र-छात्राओं से अपने पक्ष में मतदान करने की अपील की। इसके तत्काल बाद साऊथ कैम्पस के वेंकटेश्वर, ए.आर.एस.डी., आर.एल.ए., मोती लाल आदि कॉलेजों में अभाविप के सैकड़ों कार्र्यकत्ता ने अभाविप की उपाध्यक्ष पद की प्रत्याशी के लिए छात्र-संपर्क किया।
कृति वढेरा ने छात्र-छात्राओं से व्यक्तिगत रूप से मिलकर विश्वविद्यालय में आवागमन की समस्या, पेयजल की कुव्यवस्था, छात्रावास की कमी, छात्राओं की असुरक्षा जैसे मुद्दों को अपना चुनावी मुद्दा बताया और आश्वासन दिया कि चुनाव जीतने के बाद इन सभी समस्याओं का निदान किया जायेगा। वहां उपस्थित सभी छात्र-छात्राओं ने कृति वढेरा को अपार बहुमत से विजयी बनाने का वचन दिया।
अन्य तीन प्रत्याशियों के नामांकन रद्द करने के फैसले को कृति वढेरा ने छात्र राजनीति का गला घोटने जैसा काम बताया और साथ ही विश्वविद्यालय प्रशासन के तानाशाहीपूर्ण रवैये के खिलाफ छात्रों से अधिक से अधिक संख्या में मतदान कर विरोध जताने की बात कही।
Sunday, August 30, 2009
उपाध्यक्ष पद की प्रत्याशी कृति वढ़ेरा ने बुलन्द हौसले के साथ छात्रों के बीच सम्पर्क अभियान छेड़ा
दिनांक 30 अगस्त, 2009
डूसू प्रशासन द्वारा गिरायी गाज़ के बावजूद अभाविप कार्यकर्ताओं का उत्साह चरम पर है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के सारे कार्यकर्ताओं ने एक स्वर में उपाध्यक्ष पद की प्रत्याशी कृति वढ़ेरा के पक्ष में प्रचार करने का संकल्प लिया है। कल शाम हुई प्रेस काँफ्रेस के तत्काल बाद रोहित चहल, ललित कुमार और अशोक खारी समेत सभी कार्यकर्ता दिल्ली विश्वविद्यालय गए और लॉ फैकल्टी से कृति वढ़ेरा के पक्ष में प्रचार करना शुरू किया। उसके बाद अभाविप के सैकड़ों कार्यकर्ता रामजस, हिन्दू कॉलेज और किरोड़ीमल कॉलेज सांध्यकालीन वर्गों और फिर छात्रावास गये और अपने उपाध्यक्ष पद की प्रत्याशी के लिए छात्र-संपर्क किया।
अभाविप कार्यकर्ताओं का कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन के अलोकतांत्रिक और गैरजिम्मेदाराना रवैये के विरूध्द संघर्ष करना उनकी नैतिक जिम्मेदारी है। अत: वे दुगुने उत्साह के साथ उपाध्यक्ष प्रत्याशी कृति वढ़ेरा के लिए समर्पित होकर चुनाव प्रचार करेंगे। वहीं कृति वढेरा का मानना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन का अलोकतांत्रिक कदम अपनी अक्षमताओं पर पर्दा डालने की कोशिश है। इसलिए वे अभाविप के प्रतिनिधि के रूप में पूरी तैयारी के साथ चुनाव लडेंग़ी और जीत के बाद छात्र-समस्याओं को यथासंभव दूर करने की कोशिश करेंगी। विश्वविद्यालय में आवागमन की समस्या, पेयजल की कुव्यवस्था, छात्रावास की कमी, छात्राओं की असुरक्षा जैसे मुद्दों को लेकर उन्होंने छात्र सम्पर्क किया। उनके अनुसार उनका प्रचार अभियान बेहद उत्साहजनत है, अत: वे अपनी जीत को लेकर आश्वस्त हैं।