अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् अपनी 60वीं वर्षगांठ मना रहा है। स्वतंत्रता के तुरत बाद जब राष्ट्र के पुनर्निर्माण की आवश्यकता थी, ऊर्जा सम्पन्न युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए 1948 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् की शुरूआत हुई। इसकी विधिवत स्थापना 9 जुलाई 1949 को हुई। तब से अब तक निरन्तर राष्ट्रीय पुनर्निर्माण के कार्यों में इसकी सक्रिय भूमिका रही है। आज यह न केवल भारत का वरन् विश्व का सबसे बड़ा छात्र-संगठन है।
अभाविप देश के बहुत सारे शैक्षणिक परिसरों में कार्य करती रही है और छात्र-समुदाय को राष्ट्रीय एकता और राष्ट्रहित के लिए विभिन्न मुद्दों पर झकझोरती रही है। कांग्रेस के वैचारिक दिवालियेपन और सत्ता-प्रेम ने उसे कम्युनिष्ट देशद्रोहियों से हाथ मिलाने पर विवश कर दिया है। मातृसंस्था से प्रेरणा लेते हुए NSUI आज उसी दिवालियेपन और मानसिक गुलामी से त्रस्त है। ऐसे में राष्ट्र और राष्ट्रीय हित ही हाशिये पर चले गये हैं, फिर छात्र हितों की बात करना ही बेमानी है। दिल्ली विश्वविद्यालय देश के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों में से है। यह वह संस्थान है जिसकी ओर सम्पूर्ण भारत देखता है। अत: इसके उत्थान और पतन के साथ भारत का भविष्य अनिवार्य रूप से जुड़ा है। आज अवसरवादी और सर्वसत्तावादी ताकतों ने जब राष्ट्रीय अस्मिता और अखण्डता पर सवाल खड़े कर दिये हैं, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् की भूमिका महत्तवपूर्ण हो गयी है। दिल्ली विश्वविद्यालय से अभाविप सारे भारत में यह संदेश प्रेषित करेगी कि राष्ट्र-विरोधी गतिविधि वाले किसी संगठन या विचारधारा को भारत का छात्र-समुदाय उखाड़ फेंकेगा।
विश्वविद्यालय से सम्बध्द समस्याएँ :
दिल्ली विश्वविद्यालय देश के सर्वोत्तम विश्वविद्यालयों में से है और इसने कई क्षेत्रों में कीर्तिमान स्थापित किया है। ऐसे में यहां के छात्रों और छात्र-संगठनों की जिम्मेदारी बढ़ जाती है। लेकिन इधर कई वर्षों से दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ पर उस NSUI का दबदबा रहा है, जिसने अपनी गैरज़िम्मेदाराना हरकतों से विश्वविद्यालय की छवि को धूमिल कर दिया है। यह छात्र-संगठन विश्वविद्यालय के प्रबुध्द छात्रों से वादाखिलाफी कर इस महान् विश्वविद्यालय की कैसी छवि निर्मित कर रहा है, यह किसी से छिपी नहीं है। देश के अन्य विश्वविद्यालयों के समक्ष ये कैसा आदर्श प्रस्तुत कर रहे हैं।
वादाखिलाफी के कुछ नमूने इस प्रकार हैं :
• होस्टलों की संख्या में कोई इजाफा नहीं। दिल्ली के बाहर के छात्रों की दिक्कत से कोई सरोकार नहीं। वायदा किया था होस्टल बनवाने का, पर भूल गये शायद?
• आन्तरिक परीक्षा प्रणाली की खामियों को दूर कर पारदर्शी बनाया जाएगा - खैर, जब लाभ अपना ही हो तो किया क्या जाए?
• छात्राओं से संबंधित अपराध में वृध्दि - कोई कार्य इससे संबंधित नहीं किये।
• छात्रों को मेट्रो रेल में कोई रियायत नहीं।
मित्रों, 'मुद्दे बरकार रखना और बार-बार उन्हीं मुद्दों पर चुनाव लड़ना' NSUI और इसकी मातृ-संस्था कांग्रेस की पुरानी आदत है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् कांग्रेस और NSUI की इस नीति पर सवाल खड़े करती है। मुद्दों का बरकरार रह जाना एक शर्मनाक स्थिति है - अकर्मण्यता है, चाहे वह कोई छात्र-संगठन हो या राजनीतिक दल। पिछले तीस वर्षों का हमारा इतिहास इस बात का गवाह है कि हमने जो भी वादे किये, पूरे किये। हम छात्र समुदाय से अपील करते हैं कि वे हमारा साथ दें। हम अगर चुनाव जीत कर आये तो हम उनकी आकांक्षाओं पर खरे उतरेंगे और निम्नलिखित विषयों पर काम कर उन्हें तार्किक परिणाम तक पहुँचाने की कोशिश करेंगे।
पिछली DUSU अध्यक्षा नूपुर शर्मा (ABVP) के नेतृत्व में दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ ने कुछ महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। कुछ कार्य अभी निकट भविष्य में संपन्न होने वाले भी हैं। हालांकि NSUI के बैनर तले आये बाकी DUSU पदाधिकारियों ने लगातार अवरोध पैदा करने की कोषिष की और असहयोग की मुद्रा बनाए रखी। बावजूद इसके नूपुर शर्मा ने छात्रों से किये अपने वादों को न केवल निभाया वरन् प्रषासन के छात्र-विरोधी रवैये के खिलाफ लगातार छात्र-हितों के लिए आवाज बुलंद करती रही।
नूपुर शर्मा की उपलब्धियां :
1. प्रिंटेड मार्कशीट की मांग स्वीकार कर ली गईं।
2. दिल्ली विश्वविद्यालय के ग्यारह कॉलेजों में DUSU कोष से साफ पानी के लिए एक्वागार्ड की व्यवस्था की गई।
3. दिल्ली विश्वविद्यालय के सभी कॉलेजों को WI-FI से जोड़ने की मांग की गई जो कि अक्टूबर 2009 से प्रारंभ होने वाली है।
4. विश्वविद्यालय को इको-फ्रेंडली बनाये रखने के लिए सौर ऊर्जा-चालित प्रोजेक्ट का प्रस्ताव किया गया। इस पर शीघ्र ही कार्य आरंभ होने वाला है।
5. विश्वविद्यालय की सुरक्षा कमेटी में CCTVs लगाने की मांग पुरजोर तरीके से उठाई गई। इस वर्ष के अंत तक इस पर काम पूरा कर लिया जाएगा।
6. सन् 2008 अक्टूबर में उत्तर पुस्तिकाओं के पुनर्मूल्यांकन की अंतिम तिथि 15 दिनों के लिए बढ़ा दी गई।
7. पूर्व राष्ट्रपति श्री ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के निर्देशन में आतंकवाद से मुकाबले के लिए युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने वाली NCCT (National Campaign for Combating Terrorism) की योजना की गई।
8. नव-आगंतुक छात्र-छात्राओं की जिज्ञासाओं और समस्याओं के समाधान के लिए du@doorstep की ऑनलाइन शुरूआत की गई।
9. छात्रा के यौन उत्पीड़न में संलिप्त हिंदी विभाग के शिक्षक के निलंबन के लिए सफल प्रयास।
10. पिछले कई सालों में पहली बार DUSU के कोष का ऑडिट किया गया ताकि पारदर्शिता बनी रहे।
11. नव-आगंतुक छात्रों के मार्गदर्शन और प्रोत्साहन हेतु विविध प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर के छात्र संगठनों की सहभागिता से किया गया।
12. 31 मई से 1 जून, 2009 तक शैक्षिक मेला का आयोजन किया गया, जिसमें कई स्वयंसेवी संगठनों की सहभागिता रही।
13. श्यामा प्रसाद मुखर्जी कॉलेज के खिलाड़ियों पर लगे अवैध फाइन को माफ कराया गया और उन्हें प्रवेश पत्र मुहैया कराया गया।
विद्यार्थी परिषद् निम्नलिखित कार्यों के लिए कटिबध्द है :
1. शुल्क संरचना
• शुल्क संरचना के विभिन्न पहलुओं पर अध्ययन, निरीक्षण एवं अनुशंसा कराने का प्रयास ताकि इसे समान तथा तार्किक बनाया जा सके।
2. प्रवेश प्रक्रिया में सुधार
• महाविद्यालयों एवं पाठयक्रमों के संदर्भ में विद्यार्थियों की प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए केद्रीय प्रवेश प्रक्रिया के लिए अभाविप के नेतृत्व वाला छात्रसंघ हर प्रकार के कदम उठाएगा।
• हम खेल कूद, संस्कृति तथा अन्य कोटे से होने वाले प्रवेश प्रक्रिया में पारदर्शिता की मांग करेंगे।
• ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले विद्यार्थियों को प्रवेश में उचित रियायत देने की माँग।
• विभिन्न महाविद्यालयों के सभी पाठयक्रमों में अनुसूचित जाति-जनजाति तथा विकलांग कोटे को पूरा करने के लिए प्रयास करेंगे।
3. परीक्षा सुधार
• प्रवेश के समय ही, प्रवेश से परिणाम तक की तयबध्द समय सारिणी जारी करने की माँग।
• पारदर्शिता एवं जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए हम उत्तर-पुस्तिका की प्रति छात्रों की मांग पर उपलब्ध करने की व्यवस्था का प्रयास करेंगे।
• सर्वश्रेष्ठ उत्तर-पुस्तिका को पुस्तकालय में उपलब्ध कराने का प्रयास किया जायेगा।
4. आंतरिक मूल्यांकन
• आंतरिक मूल्यांकन की व्यवस्था की खामियों को दूर करने का प्रयास करेंगे। (Internal assessment में moderation की आड़ में भेदभावपूर्ण रवैया निंदनीय है। महाविद्यालय की तथाकथित 'प्रतिष्ठा' के नाम पर महाविद्यालयों द्वारा भेजे गए अंकों को बदलना कहां तक उचित है?)
5. परिवहन
• Delhi Metro में रियायती स्टूडेंट पास के लिए
संघर्ष करेंगे।
• हम अधिक से अधिक यू स्पेशल बसों की मांग सभी
स्तरों पर जारी रखेंगे।
• एस.टी.ए. अनुमोदित ब्लू लाइन बसों में स्टूडेंट पास लागू कराने के लिए संघर्ष करेंगे।
• हम उत्तरी एवं दक्षिणी परिसर में शटल बस सुविधा
के लिए प्रयास करेंगे।
• विद्यार्थी पास NCR region से चालित वाहनों में
लागू करने की मांग करेंगे। NCR से आने वाले छात्रों
के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय के विविध कॉलेजों तक
की परिवहन व्यवस्था में सुधार की मांग की जाएगी।
6. शैक्षिक मुद्दे
• B.Sc. restructured course के पाठयक्रम में व्यापक खामियों को दूर करने का प्रयास करेंगे। जिस छात्र ने 11 कक्षा में अपनी पसन्द से विषयों का चयन किया हो, उसी छात्र को Graduation में गैर पसन्दीदा विषयों को पढ़ने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता। कॉलेजों में बिना infrastructure के इन पाठयक्रमों को शुरू करने में प्रशासन की जल्दबाजी समझ के परे है। इसी के चलते कई महाविद्यालयों में 0% परीक्षा परिणाम रहा है। जिसे ढ़कने के लिए प्रशासन परिणाम घोषित करने के बाद इसका moderation करने की योजना बना रहा है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् इस समस्या की जड़ को सुलझाने की मांग करता है। हम इन पाठयक्रमों को अच्छे ढंग से चलाने हेतु व्यापक infrastructure की भी मांग करेंगे।
• हर विद्यार्थी को उसके महाविद्यालय में मुफ्त internet की सुविधा उपलब्ध कराने का प्रयास करेंगे।
• सकल घरेलू उत्पाद का 6 प्रतिशत शिक्षा के लिए आबंटित करने की मांग को हम जारी रखेंगे।
• विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा विश्वविद्यालयों को दिये जा रहे अनुदान में किसी भी प्रकार की कटौती का हम विरोध करेंगे।
• बढ़ रही छात्रों की संख्या को देखते हुए ग्रामीण इलाकों सहित और अधिक कॉलेज खुलवाने का प्रयास करेंगे। जिसमें कम से कम 50 प्रतिशत कॉलेज छात्राओं के लिए बनवाने का संघर्ष करेंगे।
• सभी कॉलेजों में सांध्यकालीन कक्षाएं शुरु करने का प्रयास करेंगे।
• सांध्य महाविद्यालयों के लिए यू-स्पेशल बस, जेनरेटर एवं एक परिवर्तित समय सारिणी के प्रावधान करवाने का प्रयास करेंगे।
• एक केन्द्रीयकृत सूचना-केन्द्र विश्वविद्यालय स्तर पर शुरू करने के लिए प्रयास करेंगे।
• पूर्व एवं पश्चिमी परिसरों की स्थापना के लिए भी प्रयास करेंगे।
• विश्वविद्यालय स्वास्थ्य केन्द्र में शय्याओं की व्यवस्था का प्रयास करेंगे।
• पूर्वी कैम्पस में लॉ-फैक्लटी खुलवाने के लिए प्रयास करेंगे।
• केन्द्रीय और कला पुस्तकालयों को कम्प्यूटरीकृत करवाने का प्रयास करेंगे।
• विश्वविद्यालय के सभी कॉलेजों में स्थायी कम्प्यूटर साक्षरता पाठयक्रम शुरू करवाने का प्रयास करेंगे।
• केन्द्रीय संदर्भ पुस्तकालय 24 घंटे अधययन के लिए खुले, इसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन पर दबाव बनायेंगे।
• छात्र-छात्राओं के साथ हो रहे शोषण को रोकने एवं सही किराये के लिये प्राइवेट हॉस्टलों, मकान मालिकों एवं छात्रों की एक समिति बनाने की मांग की जायेगी।
• ABVP मांग करती है कि कुल बजट का दसवां हिस्सा उच्च शिक्षा पर खर्च किया जाए।
• शैक्षणिक योग्यता के अतिरिक्त अन्य कोटे
(क्रीड़ा आदि) में होने वाली प्रवेश प्रक्रिया को
पारदर्शी बनाया जाए।
7. व्यवसायिक शिक्षा
• हम सूचना प्रोद्यौगिकी, जैव प्रोद्यौगिकी, बिजनेस इकोनोमिक्स इत्यादि व्यावसायिक शिक्षा की बढ़ोत्तरी के लिए प्रयास करेंगे।
• हम उभरते हुए व्यावसायिक एवं रोजगारपूरक पाठयक्रमों को शुरू करने हेतु एक विश्वविद्यालय स्तरीय स्थायी समिति की मांग करेंगे।
8. नियुक्ति संस्थान (Placement Cell)
• वर्तमान Placement Cell को और अधिक प्रभावी बनाने का प्रयास किया जाएगा।
9. छात्रावास सुविधाएं
• हम उत्तरी एवं दक्षिणी क्षेत्र में पर्याप्त सुविधायुक्त नये छात्रावास खोलने के लिए प्रयास करेंगे।
• हम अनुसूचित जाति, जनजाति, विकलांग एवं छात्राओं के लिए अधिक से अधिक छात्रावासों के लिए प्रयास जारी रखेंगे। पूर्वोत्तर से आने वाली अधिकाधिक छात्राओं को छात्रावास की सुविधा मुहैया कराई जाए, इसके लिए हम कटिबध्द हैं।
10. लैंगिक संवेदनशीलता
• हम यौन उत्पीड़न विरोधी समिति को और अधिक प्रभावी बनवाने की मांग करेंगे।
• हम रचनात्मक कार्यक्रमों के माध्यम से समिति के कार्यों का विस्तार करेंगे।
• हम इस समिति में छात्र प्रतिनिधित्व के लिए भी प्रयास करेंगे।
11. छात्रवृत्ति
• हम महंगाई को देखते हुए छात्रवृत्ति में बढ़ोत्तरी के लिए कार्य करेंगे एवं छात्रवृत्ति का मूल्य सूचकांक के साथ जोड़ने के लिए मांग करेंगे।
• हम सभी अनुसूचित जाति, जनजाति एवं विकलांग छात्रों के लिए छात्रवृत्ति के प्रावधान हेतु कार्य करेंगे।
• हम सामाजिक तथा आर्थिक रूप से दुर्बल छात्रों के लिए आर्थिक सहायता हेतु उद्योग-छात्र-स्वयंसेवी संस्थाओं के बीच संवाद कायम करेंगे। इस प्रकार की समस्त आर्थिक सहायता को एक आर्थिक सहायता समिति के माध्यम से आबंटित करवाने का प्रयास करेंगे।
12. सुरक्षित एवं भयमुक्त परिसर
• हम उत्तरी परिसर को कॉम्पैक्ट बनाने की अपनी मांग को आये बढ़ायेंगे।
• छात्राओं की आत्मरक्षा हेतु हम नियमित रूप से विश्वविद्यालय परिसर एवं अन्य महाविद्यालयों में आत्मरक्षा प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने की मांग करेंगे।
• परिसरों के सभी छात्रावासों एवं अन्य संवेदनशील स्थानों पर पुलिस बूथ लगाने की मांग को उठाया जायेगा तथा इन बूथों पर महिला पुलिसकर्मियों की उपस्थिति को भी सुनिश्चित करने का प्रयास किया जायेगा।
13. एक सम्पूर्ण परिसर (Infrastructure Improvement)
• हम दक्षिणी परिसर में स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स निर्माण
के प्रयास हेतु वचनबध्द है एवं छात्रावास सुविधाओं
के विकास एवं विस्तार के लिए भी प्रतिबध्द हैं।
• दिल्ली विश्वविद्यालय की संपूर्ण आधारभूत संरचना को
जल्द से जल्द सुधारने का प्रयास किया जाएगा।
मित्रों,
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के नेतृत्व में दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ उपयुक्त शैक्षणिक माहौल और सुरक्षित परिसर बनाने के लिए प्रतिबध्द है। हमने जो भी वादे किये हैं, उन्हें पूरा करेंगे। हम छात्र समुदाय से वोट की भीख नहीं माँगते वरन् कर्ज माँगते हैं, जिसे हम सूद समेत वापस करेंगे - आपकी आकांक्षाओं का विश्वविद्यालय बना कर।
वन्दे मातरम्! भारत माता की जय!!
For A Nationalist & Effective DUSU!
डूसू पैनल
बेलेट नं0 5
उपाध्यक्ष : कृति वढ़ेरा
GIVE US A DECISIVE MANDATE!!